प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना क्या है? कैसे ले सकते हैं इस योजना का लाभ, जानें

By Anita Nishad

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केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है. जिसे शुरू करने का उद्देश्य मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है. ताकि कोई भी विद्यार्थी पैसे नहीं होने के कारण उच्च शिक्षा हासिल करने से वंचित नहीं रह पाए.

यह पीएम विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 से जुड़ी एक पहल है. निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता देने के लिए सिफारिश की गई थी.

बिना गारंटर के मिलेगा लोन
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के अंतर्गत कोई भी छात्र जो क्वालिटी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन में प्रवेश लेता है. वह छात्र शिक्षा हासिल करने के लिए लगने वाले पूरे खर्च के लिए बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से बिना लोन या जमानत के लोन प्राप्त कर पाएंगे.

वित्तीय सहायता हासिल करने के लिए छात्र ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. छात्रों के लिए इसके सिस्टम को बहुत ही आसान और ट्रांसपेरेंट बनाया गया है. जिसका डिजिटली ऑपरेट किया जा सकेगा.

कितना मिलेगा लोन
इस योजना के अंतर्गत छात्र 10 लाख रुपये के लोन पाने के हकदार होंगे. जिसमें से छात्र 7.5 लाख रुपये तक का लोन यानी 75 फीसदी अमाउंट के डिफॉल्ट की क्रेडिट गारंटी पाने के भी हकदार होंगे. यानी यदि छात्र लोन की 75 फीसदी अमाउंट का भुगतान किया जाएगा.

ब्याज पर भी मिलेगी छूट
ऐसे छात्र जिनके परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से कम है या ऐसे छात्र जो अन्य किसी छात्रवृत्ति योजना के लिए पात्र नहीं हैं, उन छात्रों को मॉरेटोरियम पीरियड में दस लाख रुपये तक के लोन पर तीन प्रतिशत ब्याज की भी छूट दी जाएगी.

इन छात्रों को दी जाएगी प्राथमिकता
इस योजना के अंतर्गत ब्याज छूट का लाभ हर साल लगभग एक लाख छात्रों को देने का प्लान बनाया गया है. इनके लिए ऐसे छात्रों को प्राथमिकता मिलेगी जो सरकारी संस्थानों से टेक्निकल/प्रोफेशनल कोर्स कर रहे हैं.

सरकार ने इस योजना के लिए बजट बनाया है कि वे वित्त वर्ष 2024-25 से 2030-31 तक 3600 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. इस अवधि में कम से कम सात लाख नए छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाएगी.

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