पशुपालन करना चाहते हैं, तो ये शानदार योजना हैं, 50% तक सब्सिडी मिलती है

By Anita Nishad

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If you want to do animal husbandry, then this is a great scheme, you get up to 50% subsidy

पशुपालन करना चाहते हैं, तो ये शानदार योजना हैं, 50% तक सब्सिडी मिलती है

कंनौज: तीन योजनाएं कन्नौज में पशुपालन करने वाले किसानों और बेरोजगार लोगों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इन योजनाओं में लाभार्थियों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी।

जिससे वह अधिक पैसे कमा सकता है। स्वदेशी गौ संवर्धन योजना पहली है, नंदनी कृषक योजना दूसरी है, और पशुपालक योजना तीसरी है। इन तीनों योजनाओं से पशुपालकों को काम मिलेगा। जिससे दुग्ध उत्पादन और उनकी आर्थिक वृद्धि होगी।

पहले विचार

शासन ने स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के तहत कुल 24 ईकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। जिसमें 12 ईकाई, यानी आधा लक्ष्य, महिलाओं द्वारा पूरा किया जाएगा। इस योजना का अनुमानित मूल्य दो लाख रुपये है।

जिसमें साहीवाल, हरियाणा, थारपारकर या गिर नस्ल की दो गायों का क्रय, ट्रांजिट बीमा, तीन वर्षों का पशु बीमा, चारा काटने की मशीन और अन्य खर्चों पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, अर्थात 80,000 रुपये। गायों को निर्धारित नस्ल और मानक के अनुसार दुग्ध उत्पादक से खरीदना होगा।

गायों को तीन वर्षों तक पालन करने का शपथग्रहण देना होगा. आवेदन किसी भी पशु चिकित्साधिकारी से अथवा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अथवा उप दुग्धशाला विकास अधिकारी के कार्यालय में जमा किया जा सकता है. प्राप्त आवेदनों में से जनपद स्तरीय समिति से चयन उपरांत लाभार्थियों को सूचित किया जाएगा.

दूसरी योजना

नंदनी कृषक समृद्धि मिनी योजना जिसमें 10 स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों का क्रय प्रदेश के बाहर से किया जाएगा. जनपद को चार ईकाई स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. इस योजना की अनुमानित कुल लागत 23 लाख 60 हजार रुपए है. जिसमें दो किस्तों में 11 लाख 80 हजार का अनुदान दिया जाएगा. पशुबाड़ा निर्माण हेतु 0.2 एकड़ एवं चारा उत्पादन हेतु 0.8 एकड़ भूमि का होना अनिवार्य है. तीन वर्षों के लिए पशु बीमा कराना अनिवार्य है.

योजना का 15 प्रतिशत अर्थात 3.54 लाख रूपए लाभार्थी द्वारा 35 प्रतिशत अर्थात 8.26 लाख रुपए बैंक ऋण के रूप में एवं 50 प्रतिशत अर्थात 11 लाख 80 हजार रुपए अनुदान से प्राप्त होगा. गायों की नस्ल साहीवाल, गिर अथवा थारपाकर एवं उन नस्लों के मानक के अनुरूप दुग्ध उत्पादक होना अनिवार्य है.

तीसरी योजना

पशुपालक प्रोत्साहन योजना अंतर्गत हरियाणा, थारपाकर, साहीवाल, गिर एवं गंगातीरी नस्लों की उच्च उतपादक गायों को 10,000 एवं 15000 रूपए की प्रोत्साहन धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी. अधिक जानकारी आवेदन करने हेतु निकटतम पशु चिकित्साधिकारी अथवा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अथवा उप दुग्धशाला विकास अधिकारी कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है.

क्या बोले अधिकारी

लोकल 18 से बात करते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर करणवीर सिंह ने बताया कि पशुपालन करने वाले व पशु प्रेमिका व बेरोजगार से निजात मिले, इसके लिए हमारे विभाग में 3 प्रमुख योजनाएं आई है. इसमे पशुपालन करने वालो को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा साथ ही उनकी आर्थिक समस्या खत्म हो जाएगी. इसमे रोजगार मिलने के साथ साथ रोजगार देने लायक भी बना जा सकता है.

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