नई सरकारी योजना: धान उत्पादन I कृषि योजनाएं I टमाटर आपूर्ति I फसल बीमा I भारतीय रसोई

By Anita Nishad

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नई सरकारी योजना धान उत्पादन I कृषि योजनाएं I टमाटर आपूर्ति I फसल बीमा I भारतीय रसोई

नई सरकारी योजना: धान उत्पादन I कृषि योजनाएं I टमाटर आपूर्ति I फसल बीमा I भारतीय रसोई
नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…

1.धान उत्पादन में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर, वहीँ पंजाब की उत्पादकता सबसे अधिक
धान भारत की प्रमुख खाद्य फसलों में से एक है, जो देश के करोड़ों किसानों की आजीविका का आधार है। यह न केवल घरेलू खाद्य सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक बाजार में भी भारतीय चावल की महत्वपूर्ण भूमिका है। बासमती और गैर-बासमती चावल के निर्यात से भारत को विदेशी मुद्रा अर्जित होती है।

2. सतत एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति ही हमारा ध्येय


प्रदेश के हर बिजली उपभोक्ता को सतत एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति ही हमारी सरकार का ध्येय है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल मार्गदर्शन में हमारा विभाग लगातार उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण भी कर रहा है। इसी का परिणाम है कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में प्राप्त शिकायतों के निराकरण में ऊर्जा विभाग अव्वल है।

3. आगंतुकों को मोहित कर रहे होलोग्राम आधारित विकास के चार मिशन


दिल्ली स्थित भारत मंडपम में चल रहे 43वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश मंडप आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंडप में मेले की थीम ‘विकसित भारत@2047’ के अनुरूप प्राचीन सांस्कृतिक एवं कलात्मक धरोहर के साथ तेजी से विकसित होते मध्यप्रदेश के स्वरूप को प्रदर्शित किया गया है।

4. दक्षिणी राज्यों में कृषि योजनाओं की समीक्षा: विशाखापत्तनम में क्षेत्रीय सम्मेलन संपन्न

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही विभिन्न कृषि योजनाओं की प्रगति का आकलन करने के लिए 18-19 नवंबर को एक क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया। इस बैठक का आयोजन आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में किया गया, जहां तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

5. टमाटर ग्रैंड चैलेंज: टमाटर आपूर्ति को स्थिर करने के लिए 28 नवाचारों को मिला सरकारी समर्थन


भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के साथ मिलकर टमाटर आपूर्ति और मूल्य स्थिरता के लिए टमाटर बैंड चैलेंज (टीजीसी) की शुरुआत की थी। इस पहल का उ‌द्देश्य टमाटर उत्पादन, प्रसंस्करण और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार के लिए नवाचारी समाधान खोजना था। अब इस चैलेंज के तहत चयनित 28 नवाचारों को वित पोषण और मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।

6. सोयाबीन किसानों को राहत: केंद्र सरकार ने नमी के मानकों में दी ढील

सोयाबीन किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, कृषि मंत्रालय ने खरीफ 2024-25 सत्र के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत सोयाबीन खरीद के नमी मानकों में छूट की घोषणा की है। इस निर्णय के तहत, अब 12% की निर्धारित सीमा के बजाय 15% तक की नमी वाली सोयाबीन की खरीद की जाएगी, जिससे गुणवत्ता संबंधी समस्याओं के कारण किसानों को नुकसान न उठाना पड़े।

7. केवीके कर्मचारियों का भविष्य संकट में, आईसीएआर की नीतियों पर गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश के कृषि विज्ञान केंद्र; केवीकेद्ध कर्मचारियों के भविष्य पर गहराते संकट को लेकर केवीके कर्मचारी कल्याण संघ ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद; आईसीएआरद्ध की नीतियाँ को लेकर कड़ी आपत्ति जतायी है। संघ ने अरोप लगाया है कि आईसीएआर की पक्षपातपूर्ण नीतियों और कथात तानाशाही रवैयों के चलते केविके केंद्रों का अस्तित्व और इनमें कार्यरत कर्मचारियों का भविष्य खतरे में आ गया है।

8. राजस्थान में फसल बीमा योजना की शिकायतों पर मंथन, बकाया मामलों के जल्द निस्तारण के निर्देश

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी 2023-24 की औसत उपज मानकों और अन्य आपत्तियों के निस्तारण को लेकर मंगलवार को जिला स्तरीय शिकायत निराकरण समिति की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक जिला कलेक्टर डॉ. मंजू की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। बैठक में बीमा कंपनी और संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

9. देर से बुआई करने वालों के लिए सर्वोत्तम गेहूं की किस्में

धान की देर से कटाई और तापमान में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इस वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह तक पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 93% बुआई पूरी हो चुकी है। अब तापमान गेहूं की समय पर बुआई के लिए उपयुक्त हो गया है। देशभर में बुआई तेज़ी से हो रही है, और किसान समय, श्रम, तथा बीज बचाने के लिए मशीन से बुआई को प्राथमिकता दे रहे हैं।

10. भारतीय रसोई, भारतीय समाज के कुशल एवं श्रेष्ठ प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण

भारत की गृहणियों की रसोई में कोई तराजू नहीं होता है, गृहिणियों को भोजन निर्माण के लिए किसी संस्थान में अध्ययन करने की आवश्यकता नहीं होती है। भारतीय गृहिणियों में रसोई प्रबंधन का उत्कृष्ट कौशल, नैसर्गिक एवं पारम्परिक रूप से विद्यमान है। भारत की रसोई, विश्वमंच पर प्रबंधन का उत्कृष्ट आदर्श एवं श्रेष्ठ उदाहरण है।

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