नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक छोटा सा गांव है सिलाऔता और इसी गांव में रहती हैं राजश्री शुक्ला। राजश्री ने पिछले कुछ वर्षों के भीतर ही अपनी और अपने परिवार की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है। इतना ही नहीं, उनकी कामयाबी को देखकर गांव की दूसरी महिलाएं भी उनके रास्ते पर चल पड़ी हैं। इस बदलाव की वजह है बिजली सखी योजना, जिसके जरिए राजश्री आर्थिक तौर पर सशक्त होकर हर महीने 50 हजार रुपये से ज्यादा तक की कमाई कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मई 2020 में शुरू हुई ‘बिजली सखी’ पहल ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर दे रही है। इस योजना को ‘बैंकिंग सखी’ योजना की सफलता से प्रेरित होकर शुरू किया गया था। राजश्री बताती हैं कि दो महीने पहले ही जुलाई 2024 में उन्हें 81,900 रुपये कमीशन मिला था। इस कमीशन के साथ ही वह प्रदेश की टॉप 10 ‘बिजली सखियों’ में शामिल हुईं।
30 हजार से ज्यादा महिलाएं जुड़ीं
‘बिजली सखी’ बनकर राजश्री गांव के हर घर जाकर बिजली का बिल लेती हैं और उसे समय पर पास के बिजली घर पर जमा करा देती हैं। इससे लोगों को लाइन में लगने से छुटकारा मिल जाता है और राजश्री को अच्छी आमदनी भी हो जाती है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राजश्री जैसी उत्तर प्रदेश की 30 हजार से ज्यादा महिलाओं को इस योजना ने सशक्त बनाया है।
4 साल में महिलाओं ने कमाए 14.6 करोड़
लगभग 10,500 ‘बिजली सखियों’ ने पिछले चार वर्षों के भीतर ही 1120 करोड़ रुपये से ज्यादा के बिजली बिल जमा किए और 14.6 करोड़ रुपये कमीशन कमाया। इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार ने मई 2020 में कोविड महामारी की पहली लहर के बाद की थी। योजना का मकसद था उन ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना, जो पढ़ी-लिखी तो हैं लेकिन घर पर ही रहती हैं।
75 जिलों के सभी ब्लॉक में लागू
इस पहल का एक बड़ा फायदा यह भी हुआ है कि लेट बिल जमा होने से बिजली वितरण कंपनियों को होने वाला नुकसान कम हो गया। 1 फरवरी 2020 को आठ जिलों में एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत हुई। बाद में इसके अच्छे परिणामों को देखते हुए सरकार ने इसे उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के सभी 826 ब्लॉकों में लागू करने का फैसला किया।
शुरुआत में कितनी कमाई
राजश्री बताती हैं कि वह 2020 में ‘राधा स्वयं सहायता समूह’ से जुड़ीं और उन्हें बिजली बिल जमा करने का काम सौंपा गया। शुरुआत में उन्हें 30,000 रुपये की कमाई हुई। धीरे-धीरे उनके पास उन महिलाओं के फोन आने लगे, जो बिजली बिल जमा करने में उनकी मदद चाहती थीं। इसके साथ ही उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में भी काफी बदलाव आया।
कितने बिल पर कितना कमीशन
बिजली सखी योजना के तहत ग्रामीण इलाकों की महिलाएं 2000 रुपये तक के हर बिल भुगतान पर 20 रुपये का कमीशन कमाती हैं। 2000 रुपये से ज्यादा के बिल पर एक प्रतिशत कमीशन मिलता है। इसी तरह शहरी इलाकों में ‘बिजली सखियों’ को 3000 रुपये तक के प्रत्येक बिल के लिए 12 रुपये मिलते हैं और 3,000 रुपये से ज्यादा के बिल पर 0.4 प्रतिशत कमीशन मिलता है।
कैसे बन सकती हैं ‘बिजली सखी
‘इस योजना के लिए केवल महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं। बिजली सखी बनने के लिए उत्तर प्रदेश की स्थाई निवासी होना जरूरी है। सरकार ने कुछ नियम और शर्तें बनाई हैं, जिनके आधार पर ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा। सरकारी एजेंसियां ‘बिजली सखियों’ को बिल जमा करने और रसीदें जारी करने के लिए आवश्यक उपकरण तो देती ही हैं, इसके अलावा डिजिटल भुगतान विधियों का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग भी दी जाती है।